भारतीय महिला टीम ने नवी मुंबई में खेले गए आईसीसी महिला वनडे विश्व कप 2025 के दूसरे सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया महिला टीम को नौ गेंद शेष रहते पांच विकेट से हराकर फाइनल में जगह बना ली। फीबी लिचफील्ड के तूफानी शतक, एलीस पेरी की संयमित पारी और एश्ले गार्डनर की तेज़ अर्धशतकीय पारी की बदौलत ऑस्ट्रेलिया ने भारत के सामने 338 रनों का विशाल लक्ष्य रखा था।
339 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए जेमिमा रोड्रिग्स ने कप्तानी पारी खेलते हुए नाबाद 127 रन बनाए, जबकि कप्तान हरमनप्रीत कौर ने 89 रन की शानदार पारी खेली। दोनों के बीच हुई जबरदस्त साझेदारी ने भारत को नौ गेंद शेष रहते जीत दिलाई। रोड्रिग्स के विजयी रन बनाने के बाद वह अमनजोत कौर की ओर दौड़ीं, उन्हें उठाया और मैदान पर लेटकर खुशी का इजहार किया, जबकि पूरी टीम दौड़कर इस ऐतिहासिक पल का जश्न मनाने पहुंची।
ऑस्ट्रेलिया की तेज़ शुरुआत
दिन की शुरुआत में ऑस्ट्रेलिया एक विशाल स्कोर की ओर बढ़ती दिखी। चोट से वापसी कर रहीं हीली जल्दी आउट हो गईं, लेकिन बारिश ने खेल की लय बदल दी। छोटे से ब्रेक के बाद ऑस्ट्रेलिया ने तेजी से नौ चौके जड़ दिए।
एलीस पेरी ने संयम से खेलते हुए स्ट्राइक रोटेट की और ढीली गेंदों पर हमला किया। लिचफील्ड के साथ उनकी 155 रनों की साझेदारी ने ऑस्ट्रेलिया को मज़बूत स्थिति में पहुंचा दिया। लेकिन जैसे ही दोनों आउट हुईं, भारत की स्पिन जोड़ी नल्लापुरेड्डी चरणी और राधा यादव ने रनगति धीमी कर दी। गार्डनर की तेज़ 50 रन की पारी ने स्कोर को 300 के पार पहुंचाया, मगर भारत की दृढ़ बल्लेबाज़ी के आगे वह भी नाकाफी रही।
लिचफील्ड की चमकदार पारी
फीबी लिचफील्ड ने अपने पहले विश्व कप शतक से सभी को चौंका दिया। एलीस पेरी और एश्ले गार्डनर के अर्धशतकों के साथ उन्होंने ऑस्ट्रेलिया को 338 रन तक पहुंचाया। उनकी पारी में आकर्षक स्ट्रोक, दमदार ड्राइव और स्मार्ट साझेदारियाँ देखने को मिलीं। हालांकि भारत की गेंदबाज़ों ने अंतिम ओवरों में शानदार वापसी करते हुए 118 रन पर आठ विकेट झटक लिए।
लिचफील्ड को 62 रन पर जीवनदान मिला जब रिप्ले में पता चला कि कैच गेंद से पहले जमीन पर लगी थी। उन्होंने 77 गेंदों में शतक पूरा किया, जिसमें रिवर्स स्वीप, लॉफ्टेड शॉट्स और दीप्ति शर्मा पर एक स्विच-हिट छक्का शामिल था। अंततः वह अमनजोत कौर की गेंद पर स्कूप मारने के प्रयास में आउट हुईं।
भारत की लड़खड़ाती शुरुआत
भारत ने पारी की शुरुआत स्मृति मंधाना और शैफाली वर्मा के साथ की। शैफाली ने आक्रामक शुरुआत की लेकिन किम गार्थ की गेंद पर एलबीडब्ल्यू आउट हो गईं। मंधाना ने एक शानदार छक्का लगाया लेकिन जल्द ही वह भी पवेलियन लौट गईं। पावरप्ले के अंत में भारत का स्कोर 60/2 था जबकि ऑस्ट्रेलिया ने इसी स्थिति में 72/1 बनाए थे।
इसके बाद रोड्रिग्स और हरमनप्रीत ने पारी को संभाला। दोनों ने रन गति को लगभग छह प्रति ओवर बनाए रखा। रोड्रिग्स ने 57 गेंदों में अपना अर्धशतक पूरा किया, जबकि हरमनप्रीत ने 65 गेंदों में। उनकी समझदारी भरी बल्लेबाज़ी ने भारत को लगातार खेल में बनाए रखा।
एक छूटा कैच जिसने खेल पलट दिया
अगर 82 रन पर एलीसा हीली ने रोड्रिग्स का ऊँचा कैच पकड़ लिया होता, तो नतीजा शायद अलग होता। उस समय भारत को अभी भी 106 गेंदों पर 131 रन चाहिए थे। वह कैच छूटना ऑस्ट्रेलिया के लिए महंगा साबित हुआ और रोड्रिग्स ने भारत को जीत तक पहुंचाया।
रोड्रिग्स और हरमनप्रीत का नियंत्रण
सेट होने के बाद दोनों बल्लेबाज़ों ने शॉट्स खेलने शुरू किए। हरमनप्रीत ने दो शानदार छक्के लगाए — एक एक्स्ट्रा कवर के ऊपर और दूसरा मिडविकेट पर। जब 20 ओवर बाकी थे और 150 रन चाहिए थे, भारत का पलड़ा भारी था।
हालांकि हरमनप्रीत के आउट होते ही थोड़ी हलचल हुई, लेकिन दीप्ति शर्मा और रिचा घोष ने तेज़ रन बनाए। रिचा ने दो चौके और दो छक्के जड़े। रोड्रिग्स और हरमनप्रीत की 167 रनों की साझेदारी ने भारत को मज़बूत नींव दी।
रोड्रिग्स को 106 पर ताहलिया मैकग्राथ ने कैच छोड़ दिया, जिससे ऑस्ट्रेलिया की उम्मीदें खत्म हो गईं। रोड्रिग्स ने 114 गेंदों में अपना पहला विश्व कप शतक पूरा किया और जीत सुनिश्चित होने के बाद ही जश्न मनाया।
संक्षिप्त स्कोरकार्ड
ऑस्ट्रेलिया महिला: 338 (49.5 ओवर)
फीबी लिचफील्ड 119(93), एलीस पेरी 77(88), एश्ले गार्डनर 63(45);
नल्लापुरेड्डी चरणी 2/49(10), दीप्ति शर्मा 2/73(9.5)
भारत महिला: 341/5 (48.3 ओवर)
जेमिमा रोड्रिग्स 127*(134), हरमनप्रीत कौर 89(88), रिचा घोष 26*(16);
किम गार्थ 2/46(7), एनाबेल सदरलैंड 2/69(10)
प्लेयर ऑफ द मैच: जेमिमा रोड्रिग्स
डीवाई पाटिल स्टेडियम में 34,651 दर्शकों के बीच खेले गए इस रोमांचक मुकाबले में लिचफील्ड के शतक से लेकर रोड्रिग्स की जुझारू पारी तक सब कुछ देखने को मिला। भारत ने महिला क्रिकेट इतिहास की सबसे बड़ी जीतों में से एक दर्ज की। इस जीत के साथ भारत ने ऑस्ट्रेलिया की 16 मैचों की विश्व कप विजयी श्रृंखला को तोड़ा और 2017 के बाद तीसरी बार फाइनल में प्रवेश किया।
यह जीत न केवल भारत का पहला ऐसा विश्व कप फाइनल होगी जिसमें ऑस्ट्रेलिया या इंग्लैंड शामिल नहीं होंगे, बल्कि यह भारतीय महिला क्रिकेट की नई ताकत का प्रतीक भी बन गई। इस बार कहानी का अंत बिल्कुल नया था — और वह पूरी तरह से भारत के नाम रहा। नियमित अपडेट्स के लिए जुड़े रहें JUSZNEWS के साथ!
