ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर बुधवार सुबह दो दिवसीय दौरे पर मुंबई पहुंचे। उनके साथ 125 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल भी आया है, जिसमें सीईओ, उद्योगपति, और ब्रिटिश विश्वविद्यालयों व संस्थानों के प्रतिनिधि शामिल हैं। इस यात्रा का उद्देश्य नए यूके-भारत मुक्त व्यापार समझौते (Free Trade Agreement) को बढ़ावा देना है।
छत्रपति शिवाजी महाराज अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और अजीत पवार, तथा राज्यपाल आचार्य ने स्टार्मर का स्वागत किया।
दौरे से पहले बयान
दौरे से पहले स्टार्मर ने स्पष्ट किया कि ब्रिटेन भारत के लिए वीज़ा नियमों में कोई ढील नहीं देगा। उन्होंने कहा, “यह मुद्दा वीज़ा का नहीं है।” इसके बजाय उन्होंने व्यापार, निवेश, रोजगार और समृद्धि पर जोर दिया, जिससे ब्रिटेन को लाभ पहुंचेगा।
व्यापार समझौता केंद्र में
स्टार्मर गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगे, जहाँ यूके-भारत मुक्त व्यापार समझौते पर चर्चा होगी। इस समझौते से ब्रिटेन की कारें और व्हिस्की भारत में सस्ती हो जाएंगी, जबकि भारतीय वस्त्र और आभूषणों पर ब्रिटेन में लगने वाले शुल्क कम होंगे।
इसके अलावा, समझौते में ब्रिटेन में अल्पकालिक वीज़ा पर काम करने वाले भारतीय कर्मचारियों के लिए तीन साल तक सामाजिक सुरक्षा योगदान (Social Security Contribution) से छूट दी जाएगी। मंत्रियों ने यह भी स्पष्ट किया कि इस समझौते में आव्रजन नीति (Immigration Policy) में कोई बड़ा बदलाव नहीं किया गया है और यह भारतीय कर्मचारियों या छात्रों के लिए नए वीज़ा मार्ग नहीं खोलेगा।
व्यापार और संपर्क बढ़ाने पर जोर
स्टार्मर ने दोहराया कि वीज़ा से संबंधित बदलाव इस समझौते का हिस्सा नहीं हैं। ब्रिटेन वैश्विक स्तर पर सर्वश्रेष्ठ प्रतिभा को आकर्षित करना चाहता है, लेकिन वह भारत के लिए विशेष वीज़ा रियायतें नहीं देगा।
ब्रिटिश एयरवेज ने घोषणा की कि अगले वर्ष से दिल्ली और हीथ्रो के बीच तीसरी दैनिक उड़ान शुरू की जाएगी। साथ ही, मैनचेस्टर एयरपोर्ट से दिल्ली के लिए सीधी उड़ान भी शुरू होगी, जिससे यात्रा और व्यापारिक संबंधों में वृद्धि होगी।
भू-राजनीतिक पहलू
स्टार्मर ने कहा कि ब्रिटेन रूस के “शैडो फ्लीट” यानी अनियमित तेल टैंकरों के नेटवर्क से निपटेगा। हालांकि, उन्होंने भारत द्वारा रूसी तेल की खरीद पर कोई सीधी टिप्पणी नहीं की। उन्होंने कहा कि ब्रिटेन “इस मुद्दे से निपटने वाले अग्रणी देशों में से एक” रहा है, जो वैश्विक ऊर्जा सुरक्षा में उसकी भूमिका को दर्शाता है।
कुल मिलाकर, कीर स्टार्मर की यह यात्रा ब्रिटेन के भारत के साथ व्यापार, निवेश और रणनीतिक संबंधों को मजबूत करने के प्रयासों को उजागर करती है। यह व्यापार समझौता दोनों देशों के लिए आर्थिक लाभ लाएगा, जबकि नई उड़ानें और व्यापारिक पहल दोनों देशों के बीच संबंधों को और मजबूत करेंगी।
